लुधियाना 30 सितम्बर 2024 : कारोबारी जहां मंदी की मार से जूझ रहे हैं वहीं उन्हें एक नया डर सताने लगा है कि किसी भी कारोबारी का अब सेल परचेस का डाटा सेफ नहीं है। जी.एस.टी. विभाग के ही कुछ कर्मचारी अब इस डाटा को बेचने लगे हैं। लुधियाना के कारोबारियों को पहले दिल्ली की कई एजैंसियों के फोन आ रहे थे कि कारोबारी 20000 रुपए देकर अपने प्रतिद्वंदी कारोबारी की सेल परचेस का पूरा डाटा हासिल कर सकते हैं लेकिन अब लुधियाना में भी कारोबारियों को कई एजैंट्स डाटा देने की पेशकश कर रहे हैं।
आल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बदीश जिंदल ने बताया के कारोबारियों के लिए मंदी की चुनौतियां तो पहले से ही थीं लेकिन अब इस नए स्कैम ने कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बाजार में आजकल कई एजैंट घूम रहे हैं जो आपको आपके प्रतिद्वंदी का पूरा सेल परचेस का डाटा मात्र 500 रुपए महीने पर उपलब्ध करवा देंगे। कारोबारियों का ज्यादातर ऐसा डाटा जी.एस.टी. विभाग की वैबसाइट पर ही होता है और ऐसे में ये डाटा वहां से चोरी करना काफी आसान है। विभाग के छोटे से छोटे कर्मचारी के पास विभाग की आधिकारिक लॉगिन डिटेल मौजूद होती है और ऐसे में वो किसी भी कारोबारी की डिटेल्स आसानी से पता कर सकते हैं।
लुधियाना में कई उद्योगों में ऐसे कारोबारियों ने डाटा लेकर अपने प्रतिद्वंदी को परेशान करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं अभी हाल ही में एक ऑयल एक्सपेलर पार्ट के कारोबारी ने अपने प्रतिद्वंदी का डाटा निकाला और राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में उसके ग्राहकों को उससे कम कीमत पर माल बेचने की पेशकश कर दी। ऐसे में उन ग्राहकों ने उस कारोबारी की पेमैंट रोक कर नए कारोबारी को आर्डर देने शुरू कर दिए, इससे मिलते जुलते किस्से फास्टनर, ऑटोपार्ट और कारोबार में हो रहे हैं, अभी हाल ही में लुधियाना में इंडस्ट्रियल एरिया सी में कारोबारियों ने मीटिंग कर एस घोटाले का कड़ा विरोध किया था। उन कारोबारियों को दिल्ली की कम्पनियां ये डाटा देने की पेशकश कर रही थी लेकिन अब ये धंधा लुधियाना में ही निम्न स्तर पर शुरू हो गया है।
जिंदल के अनुसार कारोबारी सरकार को अपना सारा डाटा इस विश्वास के साथ देते हैं कि उनका सारा डाटा सुरक्षित हाथों में है लेकिन जी.एस.टी. विभाग की इस तरह की लापरवाही से पूरा कारोबार ही चौपट होने की सम्भावना है। हर कारोबारी अपना रेट खरीदार की पेमैंट की अवधि और इसका पेमैंट का रिस्क जोड़ कर देता है लेकिन मात्र कारोबार को खराब करने और अपने निजी रंजिशें निकलने के लिए कई कारोबारी अब इस डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ये भी देखने में आया है के कई अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को ही विभाग के आधिकारिक यूजर नेम और पासवर्ड दे रखे हैं जिससे वो कारोबारी अपने प्रतिद्वंदी कारोबारी की सेल परचेस पर पूरी नजर रखते है। इस संबंध में स्टेट और सैंट्रल जी.एस.टी. के उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है और संस्था की और से कारोबारियों को ये भी कहा गया है कि ऐसे कारोबारियों और उन्हें जानकारी देने वाले एजैंटों की सूची संस्था को दी जाए, जिससे ऐसे लोगो पर कार्रवाई की जा सके।